Swami Chandra Das Ji Maharaj

स्वामी श्री चन्द्रदास जी महाराज

धन्य है ये व्रज मंडल की पावन धरती जहां पर श्री राधावल्लभ भक्तों के प्राणधन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं से जगत को कृतार्थ किया… इसी पुण्य भूमि पर महाराज श्री चंद्रदास जी का जन्म हुआ । बाल्यकाल से ही महाराज जी बहुत ही ऊर्जावान, विशिष्ठ प्रतिभावाले एवं भीड़ से अलग उनका जीवन था । उन्हें ये एहसास हमेशा से था कि उनका जन्म किसी विशिष्ठ उद्देश्य से है । उनको बचपन से ही संतो के बीच रहना बहुत अधिक प्रिय रहा है । महाराज जी का जन्म भी काफी संम्पन्न परिवार में हुआ । इनके घर में संतो एवं महापुरूषो का अक्सर ठहराना हुआ करता था । हरि चर्चा, भजन- कीर्तन, भागवत कथा व रामायण उनके घर का दिनप्रतिदिन का हिस्सा हुआ करता था । गुरु जी से मुलाकात बचपन मे ही हो गई । गुरु कृपा से उनके हृदय की गहराई में युगल चरणों के प्रति दृढ़ प्रेम था।

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